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Shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।। नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे https://shivchalisas.com

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